बच्चे, अब पढ़ाई के साथ कला और संगीत में भी माहिर

 शहर के बालक आवासीय छात्रावास की शुरुआत वर्ष 2017 में हुई। ऐसे बच्चे जिनके गांव में स्कूल नहीं है, जो गरीब या अनाथ हैं उन्हें यहां प्रवेश देने का सिलसिला शुरू किया गया। तब से अब तक यहां 100 बच्चाें का दाखिला हुअा। ऐसे बच्चों को रहने का ठिकाना मिला, पढ़ाई शुरू हुई और कला के क्षेत्र में भी सीखने का मौका मिला।


वार्डन चंदरसिंह तोमर बताते हैं कि यहां 40 बच्चे ऐसे हैं, जो अनाथ हैं। दो बच्चे जीवन-यापन के लिए भीख मांगने को मजबूर थे। इन्हें कलेक्टर निधि निवेदिता ने छात्रावास में दाखिला दिलाया था। लसुल्डी लोधा गांव का ओमप्रकाश लववंशी बताता है कि उसके माता पिता नहीं हैं, बेघर था। एक दिन गांव की एक अम्मा उसे छात्रावास में छोड़ गई, तब से जिंदगी ही बदल गई। अर्जुन भिलाला खिलचीपुर के एक गांव का है। वह गंभीर बीमारी से ग्रसित था, तीन साल पहले छात्रावास में दाखिल करवाया गया था। अब वह न सिर्फ पढ़ने में होशियार है, बल्कि बेहतरीन पेंटिंग भी करता है। 


शादी घर का स्थान बदलने पर भड़के सांसद


हरपालपुर| नगर पंचायत द्वारा बस स्टैंड पर सांसद निधि से शादी घर बनवाया जा रहा है। जिसका भूमि पूजन बुधवार शाम 4 बजे तय था। मुख्य अतिथि सांसद वीरेंद्र कुमार खटीक थे। वे कार्यक्रम में शामिल होने 4:15 बजे हरपालपुर सर्किट हाउस पहुंच गए। लेकिन जब उनको जानकारी लगी कि कार्यक्रम स्थल बस स्टैंड है और वहीं शादी घर बनाया जाना है ताे वे नाराज हो गए और नौगांव रोड पर पैदल चल दिए। 6 किलोमीटर वे पैदल चलते गए। अध्यक्ष-पार्षदों ने उन्हें काफी मनाया पर वे अपने वाहन में बैठकर अन्यत्र चले गए।