समाज में होते जघन्य अपराध

समाज में हो रहे जघन्य अपराधों ने एक बार फिर झकझोर कर रख दिया है I ऐसे अपराध तो हमारे पुरातन शास्त्रों  में भी नहीं देखने मिलते I रावण भी जब सीताजी का अपहरण कर लंका ले गया तो अशोक वाटिका में रखा I उसने कभी सीताजी को स्पर्श भी नहीं किया फिर भी उसके इस अपराध के लिए आज तक उसके पुतले जलाये जाते हैं I लेकिन आज जैसे अपराध हो रहे हैं उससे से रावण भी लजा रहा होगा I कुछ साल पहले निर्भया और अब बैंगलोर में हुए गैंगरेप ने देश और समाज को हिला कर रख दिया है I आखिर ऐसे अपराधों की पुनरावृत्ति कैसे रुकेगी I समाज भले ही आर्थिक रूप से प्रगति कर रहा हो लेकिन आज संस्कार लुप्त होते जा रहे हैं I बीस साल पहले संसद में नैतिक शिक्षा के लिए पहल हुई थी लेकिन अभी तक कोई तक ठोस परिणाम सामने नहीं आया I सिर्फ पुलिस के जरिये ऐसे अपराधों की रोकथाम नहीं  की जा सकती I हमें फिर से उन संस्कारों  को जीवित करना होगा जिनके लिए भारत जाना जाता रहा है I


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